हर अमावस जगमगाए आशा के दीप से कोई घर न छूट जाए बिना तेरे आशीष के. हर अमावस जगमगाए आशा के दीप से कोई घर न छूट जाए बिना तेरे आशीष के.
तुम पुरुष मैं स्त्री सीता सी पवित्रता चाहते हो किंतु राम ना तुम बन पाते हो। तुम पुरुष मैं स्त्री सीता सी पवित्रता चाहते हो किंतु राम ना तुम बन पाते ह...
है कितने रूप तेरे माँ जग में सबसे प्यारी तू है कितने रूप तेरे माँ है कितने रूप तेरे माँ जग में सबसे प्यारी तू है कितने रूप तेरे माँ